
जलालाबाद/शामली
स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती आर्य समाज मंदिर में हर्षोल्लास पूर्वक मनाई । यज्ञ में आर्य बंधुओं ने आहुति दी। भजनों के माध्यम से स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डाला।
जलालाबाद कस्बे के आर्य समाज मंदिर में सोमवार में स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती मनाई। आर्य विद्वान भजन उपदेशक ऋषि पाल ने यज्ञ संपन्न कराया। भजन व प्रवचन किए । भजन उपदेशक ने भजनों के माध्यम से स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया की स्वामी दयानंद सरस्वती आधुनिक भारत के महान चिंतक समाज सुधारक व आर्य समाज के संस्थापक थे। उनके बचपन का नाम मूल शंकर था । बचपन से ही उनकी ईश्वर में गहरी अटूट -आस्था रही। चारों वेदों का विश्व में प्रचार प्रसार किया । भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके अग्रणी भूमिका रही। मुंबई में आर्य समाज की स्थापना करने के पश्चात पूरे देश में वेदों का प्रचार- प्रसार किया। महिलाओं के अत्याचार के खिलाफ उन्होंने आवाज सशक्त की । उनका जन्म फागुन मास की दशमी तिथि में हुआ। रतन आर्य, अनुराधा आर्य, देवेंद्र पाल ,डॉक्टर सुभाष चंद्र आर्य, कृष्णपाल आर्य, मुकेश आर्य, सहदेव आर्य, सतीश आर्य ,रविता आर्य, नरेश आर्य, महेश चंद आर्य का कार्यक्रम में सहयोग रहा।
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