जलालाबाद/शामली
गांव में श्मशान स्थल ना होने से ग्रामीणों को कई किलोमीटर का सफर करने के बाद पार्थिव शव का दाह संस्कार करने को मजबूर होना पड़ रहा।
गांव में ग्राम समाज की भूमि होने के बाद राजस्व विभाग अंत्येष्टि स्थल के लिए भूमि आवंटित नहीं कर सका।
ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक, ग्रामीण गुहार कर चुके।
जलालाबाद रेलवे स्टेशन निकट इस मजरा की आबादी 1000 से ऊपर है। मजरे के चारों ओर ग्राम सभा की भूमि मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। भूमि पर अवैध कब्जा चला आ रहा है। ग्राम समाज की भूमि राजस्व विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से अवैध कब्जे का शिकार है। ग्रामीणों को पार्थिव शव को दाह संस्कार करने के लिए जलालाबाद के होली
कललर श्मशान में जाना पड़ता है। घर से शमशान तक का सफर 4 किलोमीटर हाईवे को पार कर तय करना पड़ता है। जहां एक और अपने के जाने से गम में होते हैं, वही कई किलोमीटर पैदल चलकर पार्थिव शव के दाह संस्कार करने की पीड़ा होती है। समाजसेवी डॉक्टर जगदीश सैनी ने बताया की अंत्येष्टि स्थल के लिए भूमि के आवंटन के लिए राजस्व विभाग से लेकर जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारी के साथ साथ कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा से भी ग्रामीणों ने मांग कि है परन्तु ग्रामीणों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सतेन्द्र राणा
9411608030
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