आषाढ मास की पूर्णिमा का दिन पूरे भारत वर्ष में गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन संपूर्ण मानव जाति के गुरू माने जाने वाले तथा महाभारत जैसे महाकाव्य के रचियता महर्षि वेद व्यास इस धरा पर अवतरित हुए थे, इस दिन एक और जहां सभी शिष्य अपने गुरूओं का वंदन करते हुए उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते है तो वही दूसरी और गुरू भी अपने शिष्यों को शुभाषीश देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करतें है। इसी कडी में मंगलवार को मेरठ जनपद में भी आध्यात्मिक संस्था आर्ट आफ लिविंग के सदस्यों ने भी बैजल भवन में एक आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन कर अपने गुरू का गुणगान कर गुरू पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गुरू के प्रति अपनी कृतज्ञता का दोहराया
कार्यक्रम का प्रारम्भ आर्ट ऑफ लिविंग की वरिष्ठ अध्यापिका विनीता व सुनीता जी ने गुरू पाद पूजा से किया, जिसके पश्चात संस्था के सदस्य सृञजय व मानस जी ने गुरू भक्ति के भजन सुनाकर उपस्थित जनसमूह को गुरू भक्ति में लीन कर दिया
देर शाम तक सभी सदस्य सुंदर भजनो के माध्यम से गुरू भक्ति में लीन रहे । कार्यक्रम के उपरांत उपस्थित सभी लोगो ने कार्यक्रम आयोजको का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के सुंदर आयोजन करने का आग्रह किया
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आर्ट आफ लिविंग सदस्य विपुल, देवेन्द्रमोहन, संजीव व राजीव के साथ-साथ अजय मित्तल का विशेष सहयोग रहा
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