15 के बाद हजारों की संख्या में बाॅर्डर पर जाने की दी चेतावनी
सन्नी गर्ग
कैराना। विधायक चौधरी नाहिद मुन्नवर हसन ने केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के विरोध में आगामी 14 जनवरी को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इस दिन वह ट्रैक्टर ट्राॅलियों व भैंसा-बुग्गियों में कैराना सांसद के गृह क्षेत्र गंगोह में कूच करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 15 तारीख में किसानों के हित में फैसला नहीं आया,तो हजारों की तादाद में बाॅर्डर पर किसानों के बीच जाकर दमदार तरीके से लड़ाई लड़ने की भी काम करेंगे।
रविवार को कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक चौधरी नाहिद मुन्नवर हसन ने मोहल्ला आलदरम्यान स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता की जिसमें विधायक ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए नये कृषि कानून काले कानून हैं,जिसके विरोध में किसानों को धरने पर बैठे दो महीने होने को हैं। उन्होंने दुःख का इजहार करते हुए कहा कि इस लड़ाई को लड़ते-लड़ते हमारे करीब 60 किसान शहीद हो गए हैं। लेकिन,सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी किसान हैं।किसानों के साथ में यह ज्यादती हो रही है।विधायक नाहिद हसन ने कहा कि बदकिस्मती है कि हिन्दुस्तान को ऐसे प्रधानमंत्री मिले है, जिन्हें किसान ने बनाया है,लेकिन वह किसान के खिलाफ खड़े हैं।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भाजपा के नेता बयान दे रहे हैं,उसी कड़ी को जोड़ते हुए कैराना सांसद का बयान भी बड़ा ही निंदनीय है और दुःखद का विषय भी उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 80 प्रतिशत जनता किसान है,जो उन्हें सही समय पर सब सिखाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह किसान की देन है, जिन्होंने आजतक इस गद्दी पर बैठाया है,यही किसान अब सब सिखाने का काम भी करेंगे।विधायक नाहिद हसन ने कहा कि जिस समय 2014 में प्रधानमंत्री पद के लिए प्रत्याशी की जद्दोजहद थी,तब इन्हीं काॅर्पोरेट ने यह कहा था चंदा या फाइनेंसली पार्टी को अड़ानी-अंबानी तभी सपोर्ट करेंगे,जब नरेंद्र मोदी प्रत्याशी होंगे।अब यह बदला उतार रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा कोई विभाग नहीं है, तो इन्हीं काॅर्पोरेट घरानों के हाथों न बेच दिया हो।उन्होंने कहा,कहावत है कि गीदड़ की जब मौत आती है,तो वो शहर की तरफ भागता है।भाजपा शहर में जरूर थी,प्रधानमंत्री को गांव व देहात में रहने वाले लोगों का समर्थन मिला,लेकिन अब उन्हीं के साथ में छल किया जा रहा है।विधायक नाहिद हसन ने कहा कि जब यह कानून लागू हो जाएंगे,तो सबसे ज्यादा नुकसान छोटे किसानों को होगा।उन्होंने कहा कि यदि अन्नदाता हार मान गया,तो इस देश को बचाने वाला कोई नहीं है।प्रधानमंत्री काॅर्पोरेट घरानों की थाली,गोदी में डालने का काम कर रहे हैं।हम इसका विरोध करते रहेंगे।विधायक नाहिद हसन ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में वह आगामी 14 तारीख को काले दिवस के रूप में मनाएंगे,जिसमें काले वस्त्र पहनेंगे।इस विरोध में किसान व आम जनता शामिल हो सकती है।इसी दिन ट्रैक्टर ट्राॅली,भैंसा बुग्गी जो किसान की सवारी है,उनमें गंगोह कूच करेंगे और सांसद को यह बताने का कार्य करेंगे कि उन्हें और उनकी पार्टी को इस किसान ने ही बनाया है।किसान देश की रीढ़ की हड्डी होता है,जिसके साथ में खिलवाड़ करने की कोशिश करेंगे,तो यह सबक सिखाना जानते हैं।उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को केवल लाॅलीपाॅप दिया जा रहा है। 15 तारीख में यदि किसानों के हित में फैसला नहीं आया, तो वह किसानों के बीच हजारों की तादाद में बाॅर्डर पर पहुंचकर दमदार तरीके से उनकी लड़ाई लड़ने का काम करेंगे।
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