सन्नी गर्ग
कैराना।प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार लगे दीपावली मेले का समय समाप्त । क्या आगे की अनुमति देगा स्थानिय प्रसासन । मोत के कुऐ व आसमानी मोत के झूले की आखिर कोन देगा प्रमिशन । जनपद के आला धिकारियो का लगातार कस्बे मे आगमन लेकिन मेले पर आखिर क्यो नही मेले पर ध्यान।
ज्ञात रहे कि प्रदेश के सभी जनपदो के कस्बो मे प्रदेश सरकार द्वारा दीपावली मेले लगाने के निर्देश दिये थे।मेले मे बच्चो के मनोरजन के लिऐ छोट छोटे बच्चो के झूले लगाने तथा छोटे छोटे स्टाल लगाने की अनुमति थी।जिसको लेकर कैराना के पब्लिक इटर कालेज मे प्रसासन व पालिका द्वारा सरकार के आदेशो का पालन कर दीपावली मेले का आयोजन किया गया था।सरकार के आदेशानुसार यह मेला 28 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक चलाने के आदेश दिये गये थे जो कि मेले की समय सीमा अवधि समाप्त हो गयी।जिसके चलते मैले के ठेकेदारो ने सरकार के आदेशो को ध्यान मे रखकर 4 नवम्बर को ही पब्लिक इटर कालेज मे लगे मेने को बंद कर दिया ओर सरकार का आदेश मानकर सरकार को भी खुश करने का कार्य किया ।
आगे मेले के लिऐ किसकी मिली अनुमति
कस्बे मे मेले के ठैकेदारो द्वारा सरकार के आदेशो को चुना लगाकर मैले को दीपावली मेला न दिखाकर दो भागो मे लगाया गया था जिसमे मेले का ऐक भाग प्रदेश सरकार के आदेशित था । तो दूसरा भाग मेले के ठेकेदारो की मजबूत पकड व बडी पहुच की निशानी था।जो प्रदेश सरकार के आदेशो के खिलाफ था।जो आज भी चल रहा है।जिसमे लगे सभी बडे बडे तरह तरह के झूले व मोत का खेल खेलने वाले मोत का कुआ जैसे आईटम लगाये गये।जिनके टिकट रेट भी महगे रखे गये।इतना बडा सब कुछओपन चल रहा है ओर सरकार के आदेश के खिलाफ है लेकिन मेले को चलाने के लिऐ स्थानिय पुलिस प्रसासन का पूरा सहयोग करना ऐक बडी बात तो है ही लेकिन सरकार के निर्देशो से बडा निर्देश भी साबित होता है।जिसकी जिम्मेदारी भी कोई नही लेता।
मेले मे आसमानी झूले व मोत के कुऐ की किसने दी प्रमिशन
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के जनपदो के सभी कस्बो व नगरो मे दीपावली मेले लगने के निर्देश दिये थे ओर किसी भी मेले मे बडे बडे झूलो व मोत के कुऐ व सर्कसो की सरकार की ओर से कोई प्रमिशन नही दी गयी थी जिसके चलते यह सब खेल चलता नजर आ रहा है।आखिर इस खेल की प्रमिशन किसने दी यह चोकाने वाला सवाल है क्या स्थानीय पुलिस प्रसासन सरकार के आदेशो को ठेगा दिखाकर अपनी मन मानी करेगा । किसने दी प्रमिशन यह भी जाच का ऐक बडा विषय उभर कर सामने आता है।
प्रदेश सरकार का किसने किसने उठाया मजाक ।
आपको बता दे कि प्रदेश सरकार के आदेशो को अनदेखा कर स्वम आदेश जारी कर किसने मेले मे यह सब मोत के सामान किसने लगवाये । यह कोई नही जानता । क्योकि यह मोत के सामान ऐसे तो नही है कि चोरी छिपे लगाकर चलाये जा सके । यह तो आसमान तक को झूते नजर आते । क्या यह स्थानिय प्रसासन को दिखाई नही दिये । जबकि इसी मेले मे पुलिस व पी एस सी के जवानो की भी डयूटी लगी है । तो किस के आदेशानुसार यह सब खेल खेला जा रहा है । यह सोचने वाला ऐक बडा विषय है । अगर स्थानिय प्रसासन को इतना बडा अवैध खेल नही दिखाई दिया तो क्या कस्बे व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र मे फिर होने वाली छोटी छोटी घटना कैसे दिखाई देगी । यह चोकाने वाली बात साबित होती है।
प्रदेश के मुखिया के आगमन की तैयारी करने के लिऐ जनपद के आलाधिकारी कस्बे मे डाले है डेरा नही दिखा इनता बडा मेला। आगामी 8 नवम्बर को प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ का कस्बे मे आगमन है जो पी एस सी कैम्प का उद्घाटन करने के लिऐ आ रहे है जिसको लेकिर जनपद शामली के सभी आलाधिकारियो का डेरा कस्बा कैराना मे डला है।लेकिन उसके बावजूद भी जनपद के आलाधिकारी मेले मे लगे बडे बडे मोत के सामानो की कोई सुध अपने स्थानिय अधिकारियो व स्वम नही लेते दिखाई दिये क्या जनपद के आलाधिकारियो को भी इस मेले के बारे मे सब कुछ पता था।क्योकि मेले का शोरगुल इतना होता है कि बिना किसी से जानकारी कर ही लोग तो मेले मे पहुच जाते है।लेकिन शायद यह शोरगुल भी आलाधिकारियो तक नही पहुचा ओर अगर पहुचा है तो क्या जनपद के आलाधिकारियो की प्रमिशन से ही मेले का सचालन जारी है। कोई जवाब देने क तैयार नही है क्या पालिका भी इस मेले को लगवाने चलवाने मे शामिल है।अगर नही है तो स्थानिय प्रसासन व पालिका व जनपद के आलाधिकारियो ने क्यो नही हटवाये ये बडे बडे मोत के सामान।आखिर किस बडी अप्रिय घटना होने की फिराक व सोच है कि जब कोई अप्रिय घटना घटित होगी तभी ऐकसन लिया जाऐगा या फिर अप्रिय घटना होने से पहले ही सब कुछ ह़टवा दिया जाऐगा।
इस सम्बध मे जब उपजिलाधिकारी से जानकारी चाही तो उन्होने बताया जो मेला प्रदेश सरकार के आदेशानुसार दीपावली का लगा था वह अपने समय पर समाप्त हो गया है अन्य किसी मेले की मेरे पास कोई किसी तरह की प्रमिशन नही है मे दिखवाता हूँ।
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