मुजफ्फरनगर। इन दिनो क्षेत्र में आगामी त्यौहारो और गन्ने के पैराई सत्र को देखते हुए सूदखोरो का गिरोह इस कदर एक्टिव हो चुका है कि गरीब लोगो को उनकी दिनचर्या के लिये मोटे ब्याज पर रकम देकर उत्पीडन किया जा रहा है। दरअसल ये लोग एक गिरोह के रूप में काम करते हुए एक ब्याज-एक फाईल चार्ज की स्कीम पर कार्य करते है। आप चाहे जहां भी जाये आपको सब जगह 10 प्रतिशत का ब्याज और लोन की राशि पर फाईल चार्ज जरूर देना होगा। यहां तक कि अगर आपकी कोई भी किस्त लेट होती है तो उसपर रोजाना के हिसाब से पेनलटी भी चक्रवृद्धि की दर से जोडी जाती है। जिससे गरीब लोगो द्वारा ली गई रकम ब्याज सहित इस तरह बढती है जैसे कोई पेड की शाख। और धीरे धीरे गरीब इस ब्याज के बोझ तले इतना दब जाता है कि उसके सामने आत्महत्या के अलावा कोई चारा नही होता है। इस तरह के ऑफिस आपको हर गांव शहर में देखने को मिल जायेगें। हालांकि उत्तरप्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेशो पर पहले मिलने वाले साहुकारी के लाईसेंस अब रदद कर दिये गये है और आगे भविष्य में इस तरह के लाईसेंस न बनाने के भी आदेश जारी किये गये है। लेकिन इसके बावजूद भी लोग इस कारोबार को धडल्ले के साथ कर रहे है।
कहां कहां फैले है गिरोह के तार।
इसमें मुजफ्फरनगर शहर, मन्सुरपुर, खतौली, जानसठ, छपार , बुढाना इस गिरोह के आतंक का प्रयाय बना हुआ है। वही शामली जनपद के थानाभवन, कैराना, कांधला, झिंझाना और शामली शहर में इस तरह के लोगो की भरमार है जो 10 से 15 प्रतिशत के ब्याज पर लोगो को रूपये देते है।
कैसे शुरू होता है ब्याजखोरी का खेल।
ये लोग सडको पर रेहडी पटरी लगाने वाले से लेकर बेरोजगारो तक को 10 हजार रूपये इस शर्त पर देते है कि चार महीनो में 12 हजार रूपये वापस लेगें। हालाकिं रूपये देते समय उनसे फाईल चार्ज के नाम पर 1000 रूपये तक काट लिये जाते है और 5 दिन की किस्त यानि 500 रूपये भी एडवांस ले ली जाती है। जिसके बाद शुरू होता है सूदखोरी का मुख्य खेल। यहां से वह गरीब इस बोझ तले बस दबता ही चला जाता है।
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