13 नवम्बर को खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के लिए 14 नवम्बर को एक सांस्कृतिक एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुजफ्फरनगर: इसमें स्कूल के प्रबंधक सय्यद ऐजाज़ अहमद ने मुख्य अतिथि डॉ. प्रज्ञा सिंह (एक्जिक्यूटिव ऑफिसर, नगर पालिका, मुजफ्फरनगर) और विशिष्ट अतिथि जितेन्द्र सिंह (लेक्चरर, डायट मुजफ्फरनगर) का स्वागत फूलों का गुलदस्ता और स्मृति चिह्न भेंट कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना असद, कक्षा आठ बी के छात्र द्वारा तिलावत-ए-कलाम-ए-पाक से हुई, जिसका उर्दू और इंग्लिश अनुवाद आमना और उम्मे ऐमन, कक्षा छः जी की छात्राओं ने प्रस्तुत किया।
हिफज़ा और नमरा (कक्षा छः जी और सात जी) ने अपनी खूबसूरत आवाज़ में नात-ए-पाक पेश की। कक्षा यू.के.जी ने “फूलों ने बूँदों से पूछा,” कक्षा एक ने “प्यारे बच्चों नेक बनो तुम,” कक्षा दो ने “छूना है हमें आसमाँ,” कक्षा तीन ने “हम दीने-इलाही के वफादार सिपाही,” कक्षा चार ने “यही झुकेगा सर हमारा,” कक्षा पाँच ने “कभी मायूस मत होना,” कक्षा छः ने “ऐ जोश-ए-जुनून,” कक्षा सात जी ने “ड्रामा ऑन करप्शन,” और कक्षा आठ जी ने “हम हैं सारे ग़म के मारे” प्रस्तुत कर सबका दिल जीत लिया।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रज्ञा सिंह ने अपने भाषण में बच्चों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए संतुलित भोजन देना, उनकी सफाई का ध्यान रखना, जीवन में हर कौशल सिखाने के लिए उन्हें प्रेरित करना और उनके साथ समय बिताना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को टी.वी और मोबाइल से दूर रखें।
विशिष्ट अतिथि जितेन्द्र सिंह ने अपने भाषण में बच्चों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को न केवल प्राथमिक शिक्षा, बल्कि उन अवसरों की भी आवश्यकता है जो उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार करें। शिक्षा के साथ-साथ उनका मानसिक और शारीरिक विकास भी उतना ही ज़रूरी है। इसके अलावा, बच्चों को स्वस्थ जीवन जीने का भी अधिकार है, और उनका शोषण, भेदभाव या हिंसा से बचाव हमारे समाज की जिम्मेदारी है।स्कूल के प्रबंधक सय्यद ऐजाज़ अहमद ने संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। नेहरू जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे, और उनका कहना था कि बच्चों में सीखने की अपार क्षमता है, इसलिए हमें उन्हें अवसर प्रदान करना चाहिए। स्कूल के प्रधानाचार्य ने नेहरू जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कुछ रोचक तथ्य साझा किए।
खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों में यू.के.जी. से जिकरा, कक्षा एक से इब्राहिम, हुज़ैफा, बिलाल, अरहम; कक्षा दो से फातिमा, इब्रा और आफिया; कक्षा तीन से अम्मार, फातिमा, सुमैय्या; कक्षा चार से हुमैरा, अक्षा, समायरा; कक्षा पाँच से फरहान, आतिफ; कक्षा छः जी से आयशा, सकीना, नबिया और जिया; कक्षा सात जी से इल्मा, नबिया और इरम; कक्षा आठ जी से उमरा जीशान, सिदरा, नबिया, अरीन, अदीना और अक्सा शामिल हैं। खो-खो में कक्षा आठ जी की टीम विजेता रही, जिसमें अक्सा कैप्टन थीं।
सभी कक्षाओं की अलग-अलग ड्रिल हुई, जिसमें कमांडरों को भी पुरस्कार से नवाज़ा गया। कक्षा यू.के.जी. (जी) से अनाबिया अंसारी, यू.के.जी. (बी) से आक़िफ, कक्षा एक से मरयम, कक्षा दो से माहिरा अंसारी, कक्षा तीन से उम्मे हमनाह, कक्षा चार से फातिमा, कक्षा पाँच से जुबेरिया, कक्षा छः से आयशा और कक्षा सात जी से सना को पुरस्कृत किया गया। जूनियर क्लासेज़ के छात्र अम्मार, अरहान, अब्दुस-सुब्हान, रय्यान, अब्दुल समदुल्ला, अम्मान, उज़ैफ़, आतिफ, अबुज़र, असदुल्ला, समद फ़रीदी, अब्दुस-सुब्हान, अर्श, शादमान, मौलाना कैफ, असदुल्ला को भी पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम की सफलता में शुमायला, समन, अनम फातिमा, राफिया, अब्बास सय्यदा, रुकय्या, नाज़िया, दरक़्शा, मौलाना शाहरुख, मौलाना परवेज़, असमत आरा, रेशमा तबस्सुम, खुशनसीब, मुरसलीन और मौलाना शौकत का विशेष योगदान रहा।
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